Architect Prashant Mishra

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वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर: घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का स्रोत

वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर: घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का स्रोत

परिचय:
घर में मंदिर (पूजा स्थल) होना न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि मंदिर सही दिशा और स्थान पर स्थापित किया जाए, तो यह सुख, समृद्धि और मानसिक शांति को बढ़ाता है। गलत दिशा में मंदिर रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है, जिससे जीवन में अस्थिरता और बाधाएं आ सकती हैं।

1. घर में मंदिर की सही दिशा

उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में मंदिर स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह स्थान देवताओं का निवास स्थान होता है।

✔ यदि उत्तर-पूर्व दिशा संभव न हो, तो पूर्व या उत्तर दिशा में मंदिर बना सकते हैं।

✔ मंदिर को कभी भी दक्षिण दिशा या सीढ़ियों के नीचे नहीं बनाना चाहिए, यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है।

2. मंदिर की सही ऊंचाई और स्थान

✔ मंदिर को हमेशा घर की भूमि या फर्श से थोड़ा ऊंचा रखना चाहिए।

✔ मूर्तियों और तस्वीरों को इस तरह स्थापित करें कि पूजा करते समय मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो।

✔ मंदिर को कभी भी बेडरूम, टॉयलेट या स्टोर रूम के साथ नहीं बनाना चाहिए।

3. मूर्तियों और तस्वीरों के लिए वास्तु नियम

✔ घर के मंदिर में बहुत बड़ी मूर्तियां नहीं होनी चाहिए; 6 इंच से 9 इंच की मूर्तियां आदर्श होती हैं।

✔ खंडित या टूटी हुई मूर्तियों को तुरंत हटा देना चाहिए, इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

✔ शिवलिंग यदि घर में स्थापित हो, तो उसका आकार अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए

4. मंदिर में रंगों का महत्व

✔ हल्के और शुभ रंग जैसे सफेद, हल्का पीला, हल्का गुलाबी या क्रीम रंग मंदिर के लिए उपयुक्त होते हैं।

✔ गहरे रंग जैसे काला, गहरा लाल या गहरा भूरा मंदिर में नहीं होना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मकता ला सकते हैं।

5. मंदिर में दीपक और धूपदान का सही स्थान

✔ दीपक और धूपदान को हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए, इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

✔ प्रतिदिन घी का दीपक जलाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

6. मंदिर में साफ-सफाई और नियम

✔ मंदिर को हमेशा स्वच्छ और व्यवस्थित रखें।

✔ पूजा स्थल के आस-पास कूड़ा, जूते-चप्पल या किसी प्रकार का भारी सामान नहीं होना चाहिए।

✔ पूजा के लिए प्रयोग किए गए फूल और प्रसाद को अधिक समय तक मंदिर में नहीं रखना चाहिए।

7. मंदिर में इन चीजों से बचें

❌ मंदिर के दरवाजे के ठीक सामने दर्पण (मिरर) नहीं होना चाहिए।

❌ मंदिर के ऊपर या नीचे शौचालय या बाथरूम नहीं होना चाहिए।

❌ पूजा स्थल में बहुत ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं (टीवी, मोबाइल आदि) नहीं रखनी चाहिए।

8. घर में मंदिर से जुड़े वास्तु दोष दूर करने के उपाय

✔ यदि मंदिर गलत दिशा में बना हुआ है, तो वहां तांबे के सूर्य यंत्र की स्थापना करें।

✔ पूजा घर में स्फटिक (क्रिस्टल) शिवलिंग या वास्तु पिरामिड रखने से वास्तु दोष कम होता है।

✔ हर दिन मंदिर में गंगा जल का छिड़काव करें, इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

निष्कर्ष:

घर में मंदिर का सही स्थान और दिशा न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है, बल्कि घर के सदस्यों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है। यदि आपके घर में मंदिर का स्थान वास्तु के अनुसार सही नहीं है, तो ऊपर दिए गए उपायों को अपनाकर सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

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